
शिवराज यादव / हरिद्वार। उत्तराखंड शासन नगरीय फेरी नीति नियमावली के नियम अनुसार फेरी समिति के बैठक के निर्णय को क्रियान्वित करते हुए नगर निगम प्रशासन द्वारा रेड़ी पटरी के स्ट्रीट वेंडर्स व वेंडिंग जोन के स्ट्रीट वेंडर्स लाभार्थियों को फेरी व्यवसाय प्रमाण पहचान पत्र लाइसेंस मेयर किरण जैसल द्वारा रेड़ी पटरी के स्ट्रीट वेंडर्स लघु व्यापारियों को मुहिया कराए जाने का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर मेयर किरण जैसल ने सभी लाभार्थी रेड़ी पटरी के स्ट्रीट वेंडर्स लघु व्यापारियों को अपनी ओर से शुभकामना देते हुए कहा कि हरिद्वार नगर निगम क्षेत्र में रेड़ी पटरी के स्ट्रीट वेंडर्स लघु व्यापारियों की ओर से बहुत समय से मांग की जा रही थी कि उत्तराखंड के अन्य नगर निगमों के तर्ज पर धर्मानगरी हरिद्वार में भी नगर निगम में पंजीकृत सभी रेड़ी पटरी के स्ट्रीट वेंडर्स लघु व्यापारियों को फेरी व्यवसाय प्रमाण परिचय पत्र लाइसेंस निर्गत कराए जाए, इसी के दृष्टिगत उत्तराखंड शासन की नगरी फेरी नीति नियमावली के नियम अनुसार प्रथम चरण में चलती फिरती ठेली के लाइसेंस वह वेंडिंग जोन के सभी लाभार्थियों को फेरी व्यवसाय प्रमाण परिचय पत्र लाइसेंस उपलब्ध कराए जा रहे हैं ताकि समय-समय पर मेलों के दौरान लघु व्यापारी अपनी पहचान बात कर अपना शोषण मुक्त स्वरोजगार कर सकें। इस अवसर पर लघु व्यापार ऐसो. के प्रांतीय अध्यक्ष संजय चोपड़ा ने कहा कि 25 मई 2016 को उत्तराखंड नगरी फेरी नीति नियमावली का शासन आदेश जारी किया गया था फेरी नीति नियमावली के नियम अनुसार रेड़ी पटरी के स्ट्रीट वेंडर्स लघु व्यापारियों को मेयर किरण जैसल द्वारा फेरी व्यवसाय प्रमाण परिचय पत्र लाइसेंस दिए जाने से रेड़ी पटरी के लघु व्यापारियों के लिए हर्ष का विषय है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर योजना राष्ट्रीय पथ विक्रेता संरक्षण अधिनियम उत्तराखंड नगरी फेरी नीति नियमावली को क्रियान्वित करते हुए रेड़ी पटरी के नगर निगम प्रशासन की और से लघु व्यापारियों को सरकार के संरक्षण में लाभ दिया जा रहा है जो कि न्याय संगत है। लघु व्यापारियों को फ्री वेबसाइट परिचय प्रमाण पत्र लाइसेंस प्राप्त कराने वाले लघु व्यापारियों में मोहनलाल, भोला यादव, लालचंद गुप्ता, विजय कुमार, चंद्रपाल कश्यप, ओम प्रकाश सिंह, सुबोध गुप्ता, कर्मेंद्र सिंह, राजेश कुमार, राजू जैन, कुंदन सिंह, सौरभ कश्यप, वीना कटिहार, हरिकिशन, माया देवी, धर्मपाल आदि प्रमुख रूप से शामिल रहे।