
राजकुमार / हरिद्वार। हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण सभागार में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सचिव व गढ़वाल मंडल कमिश्नर विनय शंकर पाण्डेय की अध्यक्षता में 84वीं बोर्ड बैठक आयोजित की गई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की विकास योजनाओं को निर्माण के संकल्प से सिद्दी की ओर अग्रसर कर रहे उपाध्यक्ष अंशुल सिंह के नेत्रतव में प्राधिकरण की ओर से जनपद में हो रहे विकास कार्य को सराहनीय बताया।
बोर्ड बैठक में कई प्रस्ताव पेश किए गए और महत्वपूर्ण निर्णय लिए। बैठक में मंडल आयुक्त ने शिवालिक नगर और भूपतवाला क्षेत्र को फ्रिज जोन घोषित किया गया और एक माह तक प्राधिकरण कोई नक्शा पास नहीं करेगा। साथ ही गत वर्ष से निर्मानाधीन कड़च नाले का कार्य बरसात से पूर्व पूरा करने के निर्देश दिए।
मंडलायुक्त विनय शंकर पाण्डेय की अध्यक्षता वाली बैठक में सचिव मनीष कुमार द्वारा 83वीं बोर्ड बैठक की पुष्टि करायी गयी। इसके बाद हरिद्वार और रुड़की मास्टर प्लान का प्रस्तुतिकरण किया गया। जिसकी बोर्ड द्वारा सहमति प्रदान की गयी।
मंडलायुक्त ने बताया बोर्ड बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर निर्णय लिया गया है। प्राधिकरण के पास शिवालिक नगर और भूपतवाला में जहाँ नक़्शे आवासीय पास कराये गए हैं और व्यावसायिक गतिविधियां चल रही हैं मामले का संज्ञान लिया गया और दोनों क्षेत्रों को फ्रिज जोन घोषित किये गए। अब यहां एक माह तक कोई नक्शा प्राधिकरण द्वारा पास नहीं होगा। उन्होंने बताया कि गहनता से दोनों जगह का सर्वें कराया जायेगा। अगर आपके नक्शे आवासीय योजना के तहत पास हैं तो उनमे व्यवसायिक गतिविधियां किस प्रकार से चल रही हैं।
मंडलायुक्त ने बताया पुरानी आबादी वाले क्षेत्र में अगर कोई व्यक्ति अपने घर को तोड़ कर निर्माण करना चाहता है तो अब उन्हें नक्शा पास कराने की बाध्यता न हो इसका प्रस्ताव शासन को भेजना जायेगा।
कमीशनर ने बताया हरिद्वार और रुड़की मास्टर प्लान का प्रस्तुतिकरण किया गया। जिसकी बोर्ड द्वारा सहमति प्रदान की गयी। उन्होंने बताया आम नागरिकों को दिक्क़त न हो इसलिए इसका प्रकाशन अलग-अलग विभाग द्वारा कराया जायेगा। अगर इसमें किसी को कोई आपत्ति है तो उसे सुना जायेगा और सुनने के बाद इसका समाधान करते हुए शासन को भेजना जायेगा जिससे मास्टर प्लान को अंतिम रूप दिया जा सके।
बैठक में जिलाधिकारी मयूर दीक्षित, उपाध्यक्ष अंशुल सिंह, सचिव मनीष कुमार के अलावा अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।